एक ईसाई बादशाह
ने “हजरत उमर रज़ी अल्लाहु
अन्हु” चार कठिन सवाल पूछे ,
पढ़िए कैसे जवाब दिया उस बादशाह को.....
{चार सवाल चार
जवाब}
एक निसरानी (
ईसाई ) बादशाह ने चार सवाल लिख कर हजरत उमर रज़ी अल्लाहु अन्हु के पास भेजा।
उनके जवाब आसमानी
किताबों में से देने का मुतालबा किया।
सवाल ये हैं
1: एक माँ के पेट से
दो बच्चे एक ही दिन एक ही वक्त पैदा हुए।। फिर दोनों का इंतिकाल भी एक ही दिन हुआ
एक भाई की उम्र सो साल बड़ी और दुसरे की उम्र सौ साल छोटी हुई। ये कौन थे…?
और ऐसा किस तरह हुआ…?
2: वो कौन सी जमीन
है जहां शुरुआत से कयामत तक सिर्फ एक बार सूरज की किरने लगीं।।। न पहले कभी लगीं
थी न अब कभी लगेंगी….?
3: वो कौन सा कैदी
है जिसकी कैदखानें में सांस लेने की इजाजत नहीं और वो बगैर सांस लिए जिंदा रहता है….?
4: वो कौन सी कबर है
जिसका मुर्दा भी जिंदा और कबर भी जिंदा और कबर अपने अंदर दफन हुए को सैर कराती
फिरती थी फिर वो मुर्दा कबर से बाहर निकल कर ज़िंदा रहा और कुछ दिनों बाद वफात
पाया…?
{हजरत उमर रज़ी
अल्लाहु अन्हु} ने हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रज़ी अल्लाहु अन्हु को बुलाया और
फरमाया इन सवालों के जवाब लिख दें।
हज़रत अब्दुल्लाह
राज़ी अल्लाहु अन्हु ने तहरीरें कलमबंद कीं !
जवाब:
1: जो दोनों भाई एक
ही दिन पैदा हुए और एक ही दिन वफात पाई और उनकी उम्र में सौ साल का फर्क़ है वो
दोनों भाई हज़रत अज़ीज़ और हज़रत उज़ैर अलैहिस्सलाम हैं।।।
ये दोनों भाई एक
ही दिन एक ही माँ के पेट से पैदा हुए और एक ही दिन वफात पाई ।। लेकिन अल्लाह तआला
ने अपनी कुदरत दिखाने के लिए उज़ैर अलैहिस्सलाम को पुरे सौ साल मारे रखा । सौ साल मौत के बाद अल्लाह ने जिंदगी
बख्शी ।। सूरह आल-इमरान में ये ज़िक्र मौजूद है।। वो घर गए और कुछ दिन जिंदा रहकर
मौत आई।
दोनों भाइयों की
वफात भी एक दिन हुई इसलए इसलिए उज़ैर अलैहिस्सलाम की ऊम्र अपने भाई से छोटी हुई और
हज़रत अज़ीज़ अलैहिस्सलाम की बड़ी।
2: वो जमीन समुन्द्र
की खाड़ी कुलज़िम की तह है जहां फिरऔन मरदूद गर्क हुआ था हजरत मूसा अलैहिस्सलाम के
मोजिज़े ( चमत्कार ) से समुन्द्र सुखा था और हुक्म इलाही से सूरज ने बहुत जल्द
सुखाय था
हज़रत मूसा
अलैहिस्सलाम अपनी कौम बनी इसराइल के साथ पार चले गए और जब फिरऔन दाखिल हुआ तो डूब
गया उस जमीन पर सूरज एक बार लगा और अब कयामत तक नहीं लगेगा।
3: जिस कैदी को
कैदखाने में सांस लेने की इजाज़त नहीं और वो बगैर सांस लिए ज़िंदा रहता है वो
बच्चा अपनी माँ के पेट में कैद होता है ‘ अल्लाह तआला ने उसके सांस लेने का ज़िक्र नहीं किया और न वो सांस लेता है।
4: कबर जिसका मुर्दा
भी जिंदा और कबर भी जिंदा वो मुर्दा {हजरत युनुस अलैहिस्सलाम} थे और उनकी कबर मछली
थी जो उनको पेट में रखे जगह जगह फिरती थी । हज़रत युनुस अलैहिस्सलाम अल्लाह के
हुक्म से मछली के पेट से बाहर आकर कुछ साल ज़िंदा रहे फिर वफात पाई।
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