Tuesday, July 10, 2018

काबा का तवाफ. हदीश



हजरत अब्दुल्लाह इब्ने मसऊद से मरवी हैं कि हजरत सअद़ इब्ने अन्सारी उमरा के लिये मक्का गये और उमय्या इब्ने ख़लफ़ के यहाँ क़्याम किया और उमय्या जब शाम को जाता था तो रास्ते में मदीने मे इन्हीं सअद़ के यहाँ ठहरता था

 तो उमय्या ने हजरत सअद़ से कहा कि आप इन्तजार करो यहाँ तक कि दोपहर हो जाये और लोग ग़ाफ़िल हो जाये तो हम लोग चल कर तवाफ कर लेंगे तो हजरत सअद़ तवाफ़ कर रहे थे कि अचानक अबू जिहल आ गया और कहने लगा यह कौन तवाफ़ कर रहा हैं हजरत सअद़ ने जवाब दिया मैं सअद़ हूँ। अबू जिहल ने कहा तुम बे-खौफ़ हो कर मक्का का तवाफ़ कर रह हो।

 हालांकि तुम लोगों ने मुहम्मदﷺ  और इनके साथियों को अपने यहां मदीने मे पनाह दे रखी हैं। उन्होंने कहा हैं। फिर उन दोनों मैं तकरार होने लगी उमय्या ने हजरत सअद़ से कहा अबुल हिकम (अबू जिहल) से ऊँची आवाज़ में बात न करो वह इस इलाके का सरदार हैं फिर हजरत सअद़ ने अबू जिहल से कहा अगर तु मुझको खानए काबा के तवाफ़ से रोके गा तो मैं तेरा तिजारत के लिये मुल्क शाम जाना बंद कर दूँगा और उमय्या हजरत सअद़ से बार बार यह कहता कि अबुल हिकम से जोर जोर से बात न करो वह इस इलाके का सरदार हैं। 

इस पर हजरत सअद़ को गुस्सा आ गया और फरमाया तू मत बोल मैंने रसूल उल्लाह सल्ललाहो अलैही वसल्लम से सुना हैं मुसलमान तुझ को क़त्ल करेंगे। कहने लगा मुझको फरमाया हाँ तुझ को। इस पर वह बोला खुदा की कसम मुहम्मदﷺ जब कोई ख़बर देते हैं तो वह ग़लत नहीं होती हैं फिर वह अपनी बीवी के पास जाकर कहने लगा तुझे मालूम हैं कि वह हमारा यसरबी भाई क्या कह रहा हैं क्या कह रहा हैं उमय्या ने बता दिया। औरत बोली खुदा की कसम मुहम्मदﷺ की ख़बर गलत नहीं होती रावी का बयान हैं कि जब कुरैश जंगे बदर के लिये मक्के से चले और इसका एलान हुआ तो उसकी बीवी ने उसको जंग मैं जाने से रोका और कहा क्या... 

आप को अपने यसरबी भाई की बात याद नहीं रही।इस पर उमय्या ने लशकर मैं शामिल न होने का इरादा कर लिया। इस पर अबू जिहल ने इसको भड़काया और कहा आप तो सरदारों मैं से हैं। एक दो रोज़ के लिये साथ चलिये। और वह इसके साथ चला गया। और बदर की लड़ाई मैं अल्लाह तआला के हुक्म से मुसलमानों के हाथ मारा गया।

(बुखारी शरीफ़ जिल्द 1 सफहा 512 व जिल्द 2 सफहा 563)

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