हदीस:-हज़रत इब्ने ऊमर व हज़रत सहल बिन सअ़द [रदिअल्लाहो तआला अन्हुमा ] से रिवायत है कि हुज़ूरे अकरम ﷺ ने इरशाद फरमाया-
"अगर नहुसत किसी चीज़ में
है तो वह घर, औरत, और घोड़ा है यानी अगर दुनिया मे कोई चीज़ मन्हूस होती तो यह हो सकती थी,
लेकीन होती नही हैं
मुस्नदे इमामे आ़ज़म बाब नं 121, सफा नं 211,मोता इमाम मालिक़, जिल्द नं 2, बाब नं 8, हदीस नं 21,
सफा नं 207, बुखारी शरीफ, जिल्द नं 3, बाब नं 47, हदीस नं 86,
सफा नं 61, तिर्मिज़ी शरीफ, जिल्द नं 2, बाब नं 327, हदीस नं 730,
सफा नं 295, अबूूदाऊद शरीफ, जिल्द नं 3 बाब 206, हदीस नं 524,
सफा नं 186,
नसाई शरीफ, जिल्द नं 2, सफा नं 538, इब्ने माज़ा, जिल्द नं 1, बाब नं 643, हदीस नं 2064,
सफा नं 555, मिश्क़ात शरीफ, जिल्द नं 2, हदीस नं 2953, सफा नं 70,
मासबता बिस्सुन्ना,
सफा नं 70,
इमाम तिर्मिज़ी [रदिअल्लाहो तआला अन्हु ]
इस हदिस के मुत्ताल्लीक इरशाद फरमाते है-
यह हदीस हसन सही है هذا حديث حسن صحيح" यह हदीस अहादीस की और दीगर किताबों जैसे मुस्लिम शरीफ,
मुस्नदे इमाम अहमद,
तबरानी वगैरा में भी
नक़्ल है. इस से पहले एडीशनो में हमने ये हदीस बुखारी के अ़ल्फाज़ मे नक़्ल की थी
और हालाँकि अपनी तरफ से इस पर कोई तबसेरा भी नही किया था. लेकिन इस के बावजूद कुछ
ना वाक़िफ़ो ने इस पर एतराज़ात किये थे। लिहाजा इस बार मज़ीद हवाले बढ़ा दिये गये
है, अब भी अगर किसी साहब का
हम पर इल्ज़ाम बाकी हो तो वोह हमसे सही हवाले देख सकते हैं.
इमामे आ़ज़म अबू हनीफा [रदिअल्लाहो तआला अन्हो]
इस हदीस की तशरीह में फरमाते है कि-
घर की नहुसत यह है कि वह
तंग [छोटा] हो [और बुरे पड़ोसी हो] घोड़े की नहुसत यह है के सरकश हो! औरत की
नहुसत यह है के बद अख्लाख हो, हजरत इमाम हसन बिन सुफियान रदिअल्लाहु तआला
अन्हु ने उसमे इजाफा किया और कहा की बद अख्लाख और बांज हो!
इसी हदीस की शरह में आ़ला हज़रत
इमाम अहले सुन्नत हजरत अहमद रज़ा ख़ाँन कादरी, महद्दीस बरेलवी
[रदिअल्लाहो तआला अन्हु] इरशाद फरमाते है।
"शरीअ़त के
मुताबिक़ नहूसत यह है कि घर तंग हो, पड़ोसी बुरे हो, और घोड़े की नहूसत यह है कि शरीर हो बद लगाम हो, बद रकाब हो, औरत की नहूसत यह है कि बदज़बान, बद अख़्लाक (जुहान दराज) हो, । और बाकी यह ख़्याल हो के औरत के चेहरे से यह हुआ फु़ंला के चैहरे से
यह हुआ , यह सब बातील
(बकवास) है और क़ाफ़िरों के ख़्याल है"
फ़तावा ए रज़वीया, जिल्द नं 9, सफा नं 254,
अब आपने जान लिया के किसी शख्स के लिये
कोई औरत नहुसत का सबब (यानी बद अख्लाख, और जुबान दराज) भी हो सकती है, और फित्ना भी! जाहीर है जो औरत बद अख्लाख,
जुबान दराज, और फित्ना परवर हो तो तकलिफ व परेशानी का सबब
होंगी! लिहाजा यह जानने के लिये की जिस लडकी से आप निकाह करना चाहते है वह आपके हक
मे बेहतर साबीत होंगी या नही! सह सब जानने के लिये इस्तेखारा जरुर करे!
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